मुहल्ले के सामने हाथ पकड़ कर छोड़ते और पल भर में रिश्ते को तोड़ते देखा है। मुहल्ले के सामने हाथ पकड़ कर छोड़ते और पल भर में रिश्ते को तोड़ते देखा है।
जिसमें डूबता है कभी मन और कभी उबरता। जिसमें डूबता है कभी मन और कभी उबरता।
वैसे मैं दिखता तो नहीं, पर लोगों को अच्छे बुरे दिन मैं ही दिखाता हूं। वैसे मैं दिखता तो नहीं, पर लोगों को अच्छे बुरे दिन मैं ही दिखाता हूं।
बस वक़्त के साथ चलते रहो वक़्त ही सबकी पहचान करवाएगा। बस वक़्त के साथ चलते रहो वक़्त ही सबकी पहचान करवाएगा।