हालातों को देख अब जीना सीख सा गया हूँ। हालातों को देख अब जीना सीख सा गया हूँ।
इश्क़ बस नाम की थी, ना कोई शिकायतें। इश्क़ बस नाम की थी, ना कोई शिकायतें।
इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं। इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं।