जिसे नचा लो तुम तुम्हारी उँगलियों पर मैं वो दास नहीं जिसे नचा लो तुम तुम्हारी उँगलियों पर मैं वो दास नहीं
रात-दिन नचा-नचा कर देख रहा जीवन की रेल। रात-दिन नचा-नचा कर देख रहा जीवन की रेल।