जो भी नगमे लिखे तुम्हारे लिए खुद ही खुद को सुना दिए हमने जो भी नगमे लिखे तुम्हारे लिए खुद ही खुद को सुना दिए हमने
तेरी आने की एक आहट सुनी थी मैंने। और फिर तुझ से हुई क्या बात कुछ याद नहीं। तेरी आने की एक आहट सुनी थी मैंने। और फिर तुझ से हुई क्या बात कुछ याद नहीं।
उसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है ! है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !! उसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है ! है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रू...
एक दूजे का हाथ पकड़कर, जीने का सहारा बन जायें। एक दूजे का हाथ पकड़कर, जीने का सहारा बन जायें।