अरमान
अरमान
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अब किसी को रहे न कोई गिला
अपने अरमान जला दिए हमने
जिन चिरागों को किया था रोशन
धीरे धीरे बुझा दिए हमने
क्या सुनाऊं मैं कहानी अपनी
नाम सारे भुला दिए हमने
जो भी नगमे लिखे तुम्हारे लिए
खुद ही खुद को सुना दिए हमने
ख़्वाब देखे थे जो अनदेखे से
वो तो कबके मिटा दिए हमने
रोक जिनको लिया था पलकों में
आँसू सारे बहा दिए हमने