नादान सबका बोझ उठाता है ऐसे, सबसे जिम्मेदार सदस्य कुटुम्ब का हो जैसे। नादान सबका बोझ उठाता है ऐसे, सबसे जिम्मेदार सदस्य कुटुम्ब का हो जैसे।
जिसे कहते थे अब तक वो देखो पहाड़ है, उस पहाड़ का आज भगवान बनाया। जिसे कहते थे अब तक वो देखो पहाड़ है, उस पहाड़ का आज भगवान बनाया।
तुम्हारी जरूरत बस चुनावों तक ही "सीमित" है। तुम्हारी जरूरत बस चुनावों तक ही "सीमित" है।