वह शाम गुज़र गयी जैसे किसी ख़याल की तरह, वह होठों पे रह गयें जैसे किसी सवाल की तरह!! वह शाम गुज़र गयी जैसे किसी ख़याल की तरह, वह होठों पे रह गयें जैसे किसी सवाल...
तेरी आँखें तेरा हुस्न तेरी जुल्फें क्या कहें अब, तेरी आँखें तेरा हुस्न तेरी जुल्फें क्या कहें अब,
उनको है शिकायत उनके बराबर के हम नहीं, कुछ समझदारों ने हमें बिछड़ने न दिया! उनको है शिकायत उनके बराबर के हम नहीं, कुछ समझदारों ने हमें बिछड़ने न दिया!