तेरे लिए दुनिया में हमें फिर से पड़ेगा आना। तेरे लिए दुनिया में हमें फिर से पड़ेगा आना।
सूरज की धमक बढ़ रही है, थोड़ा किनारे हो जा सूरज की धमक बढ़ रही है, थोड़ा किनारे हो जा
कोई न कोई बीमारी उसे हमेशा घेर रखती हे दवाइयों का वह अलग-अलग ढेर रखती है कोई न कोई बीमारी उसे हमेशा घेर रखती हे दवाइयों का वह अलग-अलग ढेर रखती है