मैं कनिका हूँ मुझे वज्र न समझ लेना मैं शून्य हूँ मुझे पीछे ही रखना। मैं कनिका हूँ मुझे वज्र न समझ लेना मैं शून्य हूँ मुझे पीछे ही रखना।
यही तो परीक्षा की घड़ी है तेरी विजय के नये नये कीर्तिमान गढ़। यही तो परीक्षा की घड़ी है तेरी विजय के नये नये कीर्तिमान गढ़।
बस गढ़ लेती हो खुद को, फिर से एक कविता में। बस गढ़ लेती हो खुद को, फिर से एक कविता में।