गंगा भी हूँ, पावन भी हूँ मैं तो देवी रूप धरा की। गंगा भी हूँ, पावन भी हूँ मैं तो देवी रूप धरा की।
हिस्सा होता है अपने ही अंग का कोई भी पुश्तैनी मकान चाहे बिक जाने पर मिट जाए अस्तित्व मगर जो या... हिस्सा होता है अपने ही अंग का कोई भी पुश्तैनी मकान चाहे बिक जाने पर मिट जाए ...