तब फैंक दिये उठा के सब सोचा अब सुख पहनूँगी। तब फैंक दिये उठा के सब सोचा अब सुख पहनूँगी।
ताजग़ी, खुशबू, उफान, गर्माहट और मिठास लिए। ताजग़ी, खुशबू, उफान, गर्माहट और मिठास लिए।
ऐ खुदा ! इतनी ही रहम करना इस नाचीज पे नवाजना सात जन्म तक ऐसी चीज़ अजीज़ से। ऐ खुदा ! इतनी ही रहम करना इस नाचीज पे नवाजना सात जन्म तक ऐसी चीज़ अजीज़ से।
के समुंदर में सिमटना भी है और उसी समुंदर से दूर भी जाना है। के समुंदर में सिमटना भी है और उसी समुंदर से दूर भी जाना है।