कहने को तो इंतज़ार लंबा था। पर ख़ामोशी की सन्नाटे संग कितने रोज कटती। कहने को तो इंतज़ार लंबा था। पर ख़ामोशी की सन्नाटे संग कितने रोज कटती।
एक बिस्तर पर , एक छत के नीचे कटती दोनों रात थी ॥ पास हो कर भी, दोनों के दरमियाँ ख़ामोशी की बिसात थी ।... एक बिस्तर पर , एक छत के नीचे कटती दोनों रात थी ॥ पास हो कर भी, दोनों के दरमियाँ ...