'ज़िन्दगी के इस सफर में कही धूप है तो कही छाँव, कही पतझड़ है तो कही बहार भी है।' जीवन के उतर चढाव की स... 'ज़िन्दगी के इस सफर में कही धूप है तो कही छाँव, कही पतझड़ है तो कही बहार भी है।' ज...
'सुलझा रहा हूँ अब मैं, उलझे हुए वो धागे, है जिंदगी कभी तो, पीछे कभी है आगे।' कभी पतझड़ है, कभी सावन ह... 'सुलझा रहा हूँ अब मैं, उलझे हुए वो धागे, है जिंदगी कभी तो, पीछे कभी है आगे।' कभी...