'सुलझा रहा हूँ अब मैं, उलझे हुए वो धागे, है जिंदगी कभी तो, पीछे कभी है आगे।' कभी पतझड़ है, कभी सावन ह... 'सुलझा रहा हूँ अब मैं, उलझे हुए वो धागे, है जिंदगी कभी तो, पीछे कभी है आगे।' कभी...