ऐ मनुष्य ! काया के इन शुब्बाक को तू खोल ऐ मनुष्य ! काया के इन शुब्बाक को तू खोल
नष्ट हो जायेंगे दुख सभी, सुख पाओगे अपार केवल तुम्हारे कारण, सुखी बनेगा सारा संसार ! नष्ट हो जायेंगे दुख सभी, सुख पाओगे अपार केवल तुम्हारे कारण, सुखी बनेगा सारा स...