ठंड से कांपता हुआ, कंबल में दुबका मैं। लाचार वसंत पर, जोर से चिल्लाया। ठंड से कांपता हुआ, कंबल में दुबका मैं। लाचार वसंत पर, जोर से चिल्लाया।
अब उसमें ही तुम्हारा अक्स में देख लिया करूँगी।। देख देख कर उसको ही ये नीरस जीवन जी लिय अब उसमें ही तुम्हारा अक्स में देख लिया करूँगी।। देख देख कर उसको ही ये नीरस जी...
लेकिन आसमान में कोई पंछी नही हैं साथी जो थे प्यारे बहुत से हम से बिछुड़ गए। लेकिन आसमान में कोई पंछी नही हैं साथी जो थे प्यारे बहुत से हम से बिछुड़ गए।
मैं तुम्हें अलविदा करने आया हूँ या तुम मुझे अलविदा करके चले गये। मैं तुम्हें अलविदा करने आया हूँ या तुम मुझे अलविदा करके चले गये।
जीने की इच्छा बुझ गयी तुममे, मौत से इतनी मुहब्बत कहाँ सही था? जीने की इच्छा बुझ गयी तुममे, मौत से इतनी मुहब्बत कहाँ सही था?
जीवन भर के आंसू देकर वो आखिर क्यों चली गई।। जीवन भर के आंसू देकर वो आखिर क्यों च जीवन भर के आंसू देकर वो आखिर क्यों चली गई।। जीवन भर के आंसू देकर वो आखिर ...