तिमिर निशा का ढ़लने दो ऊषा ने गीत सजाया है।। तिमिर निशा का ढ़लने दो ऊषा ने गीत सजाया है।।
एक आस है मन मस्तिष्क में, एक आस है जीवन गति में, एक सवेरा आएगा जीवन तम को ले जाएगा एक आस है मन मस्तिष्क में, एक आस है जीवन गति में, एक सवेरा आएगा जीवन तम को ले ...