न वो आवाज़ में रस है न वो लहजे में खनक कैसे कलियों को तेरा तर्ज़-ए-तकल्लुम आए न वो आवाज़ में रस है न वो लहजे में खनक कैसे कलियों को तेरा तर्ज़-ए-तकल्लुम आए
बहुत जल्दी कर ली ईबादत समझने में बहुत जल्दी कर ली ईबादत समझने में
यह देख, क्या समा आ गया मुझे देख, क्या दम्मा छा गया! यह देख, क्या समा आ गया मुझे देख, क्या दम्मा छा गया!