'प्रियजन से लम्बे विरह के बाद कवि को एक मिलन रात की तमन्ना है, मगर वो रात है की आती ही नहीं" एक सुंद... 'प्रियजन से लम्बे विरह के बाद कवि को एक मिलन रात की तमन्ना है, मगर वो रात है की ...
सदियों से मंदिर में मूरत सा सजाकर पूजती रही जिसे क्यूँ वो ही मुझको पत्थर समझता रहा.. स्त्री साथी को... सदियों से मंदिर में मूरत सा सजाकर पूजती रही जिसे क्यूँ वो ही मुझको पत्थर समझता र...