STORYMIRROR

Pragya Dugar

Others

3  

Pragya Dugar

Others

ये ठंडी ठंडी हवाएं

ये ठंडी ठंडी हवाएं

1 min
305

ये ठंडी ठंडी हवाएं, 

जब मुझे छू कर जाती हैं,

आशा की एक नई लहर,

मुझ में दौड़ जाती है।


फिर एक बार कुछ,

नया सा एहसास होता है,

मेरे अंतर के तार को छेड़ कर,

एक नया संगीत गुनगुनाती है।


ये ठंडी ठंडी हवाएं, 

जब मुझे छू कर जाती हैं।


नए सपने मेरे अंदर जन्म लेते हैं,

कुछ नया करने की हिम्मत जाग जाती है

ये जादू है इस मौसम का,

जिसमे खिली खिली खुशबू आती है,


ये ठंडी ठंडी हवाएं आगोश में लेकर,

मुझमें नया विश्वास जगती है।


Rate this content
Log in