ये रंग
ये रंग
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बिना रंगों के यह जीवन है बेकार
रंग ही है जीवन का सच्चा श्रृंगार,
खेलो होली प्यार से लगाओ गुलाल
बेरंग से जीवन में आ जायेगी बहार,
अपने गमों का तू साखी मत रोना रो
रोने से चेहरा हो जाता है दागदार,
कोई तेरा नाम बिगाड़े
फिर भी मत हो तू उदास,
ख़ूब मुस्कुरा और शूलों के दे प्यार
मन मे ना रख तू किसी के प्रति द्वेष,
सबको मान अपना तोड़ द्वेष के तार,
ये रंग लाये है,साखी ये सीख देने
भाईचारे से ही बढेगा,
देश की उन्नति का कारोबार,
बिना रंगों के यह जीवन है बेकार।