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Anita Sudhir

Others

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Anita Sudhir

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वतन

वतन

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गर्व वतन पर हम करें ,पूजें इसकी धूल।

कर्म मार्ग पर बढ़ चलें,भले राह में शूल।।


रक्षा माटी की करें,गाथा लिखें महान।

प्राणों का उत्सर्ग कर,रखें वतन का मान ।।


धवल तुहिन की चादरें ,ओढ़े वीर जवान ।

देशप्रेम की अग्नि में ,प्राणों का बलिदान।।


कफन तिरंगे का पहन,करा वतन का नाम ।

वीर सपूतों को करें ,सौ सौ बार प्रणाम ।।


माटी मेरे देश की,.....इस पर है अभिमान।

तिलक लगा कर भाल पर,करते हैं सम्मान।।


इस माटी में जन्म ले ,नतमस्तक हैं आज।

वतन पर अब मर मिटे,करें नया आगाज ।।


रक्त शहीदों का बहा,माटी है अब लाल।

कब तक होगी ये दशा,करता वतन सवाल।।


उन्नत होगा ये वतन ,युगपुरूष के साथ।

भारत के निर्माण में ,साथ बढ़े जो हाथ ।।


स्वर्णिम युग ये वतन का,मिला वही सम्मान।

कीर्ति पताका फैलती ,ध्वज का ऊँचा गान।।


अंतस की बाती बना ,तेल समर्पण डाल ।

दीपक बन कर खुद जलें,हम भारत के लाल।।




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