वो जवाब
वो जवाब
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वो जवाब तुम्हें ख़ुद ही ढूंढना है
आबो हवा से ही वो आदाब ढूंढना है,
तुझे विजय अवश्य ही मिलेगी साखी,
तुम्हे शोले से ही शबनम को ढूंढना है,
पाता वही है,आलस्य जो खोता है
रोता वही है, आलस्य को ढोता है,
तुझे कठोर कर्म से सफ़लता को,
अपनी जीवनसंगिनी करना है,
तेरा अक्स तुझमें है,
तेरी रूह ही है वो आईना,साखी
वो देखेगी
तू कितना गहरे पानी में है,
तुझे वो जवाब ए ख़ास
खुद में ही तलाश करना है।
