STORYMIRROR

Mukesh Bissa

Children Stories

3  

Mukesh Bissa

Children Stories

वो दिन सुहाने बचपन के

वो दिन सुहाने बचपन के

1 min
247


वो बारिश का पानी

पानी में भीगना याद है।

वो दोपहर में सोने का

झूठा बहाना याद है

घर की छत पर वो 

जाड़े की धूप याद हैं।

बचपन के यारों के

घर रोज़ जाना याद है।

गर्मियों की घोर धूप में 

नींद से जी चुराना याद है।

फ्रिज में से बर्फ चुपके

चुराके खाना याद है।

दादी नानी का डांट

से बचाना याद है।

सावन के मेलों में

दोस्तों संग जाना याद है।

वो परीक्षा के दिनों में

रेडियो संग पढ़ना याद है।

खेलने के बाद गन्दे

कपड़े छुपाना याद है।

टिफिन का खाना 

दोस्तों को बांटना याद है।

वो दीवाली के दिनों में 

पैसे जमा करना याद है।

गलीं में खेलते शीशे

तोड़के छुप जाना याद है।

वो बचपन के दिन

वो गुज़रा ज़माना याद है।



Rate this content
Log in