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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Children Stories Inspirational

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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Children Stories Inspirational

विद्यालय

विद्यालय

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विद्या का अर्जन करने हम,

विद्यालय में जाते हैं

गुरु जन को शीश नवा कर,

आशीष हम उनसे पाते हैं

विद्यालय मेरा घर है,

मुझको ऐसा लगता है.

बिन भेद भाव के हर बच्चा,

शान से इसमें पढ़ता है.

मेरे विद्यालय में,

मिड डे मील भी अच्छा बनता है.

ध्यान लगा कर विद्यालय का,

बच्चा बच्चा पढ़ता है.

हेड मास्टर चिल्लाते हैं,

सब बच्चे डर जाते हैं.

बड़े प्रेम से वह हमको,

प्रार्थना में समझाते हैं.

मैडम जी भी हमको,

खूब पढ़ाया करती हैं.

बुराइयों से दूर रहो,

यह बतलाया करती हैं.

साफ सफाई विद्यालय में,

हरदम अच्छी रहती है.

हरा भरा प्रांगण है इसका,

चिड़िया कलरव करती हैं.

विद्यालय की लाइब्रेरी भी,

मुझको अच्छी लगती है.

बाल सभा में किस्सों की,

महफ़िल सजती रहती है.

खेल कूद में मेरा विद्यालय,

हरदम आगे रहता है.

लगन शील बच्चे हैं ये,

हर कोई कहता है.

जीवन जीने की शिक्षा भी,

विद्यालय से मिलती है.

शिक्षा ही है वो पूंजी,

जो दुख सारे ही हरती है.

विद्यालय का प्रत्येक दिवस,

हम सबमें स्फूर्ति जगाता है.

भाग्य उन्हीं के अच्छे होते

जो शिक्षा के मंदिर में जाता है.



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