उत्तरायण
उत्तरायण
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उत्तरायण आई, मौज मस्ती लाई,
हर ओर रंग-बिरंगी पतंगों है छाई।
संक्रांति उत्सव बहार बनकर आए हैं,
दान, धर्म करते अपनी शान बढ़ाई है।
उत्तरायण आई मौज, मस्ती लाई,
गर्म गर्म गुड़ ममरा के लड्डू लाई।
गुड़ की मिठास और तिल गुड़ के लड्डू लाई,
पतंगों की बहार ने भावना प्यार और बढ़ाई।
उत्तरायण आई, मोज, मस्ती लाई,
पेच काटने पर ये काटा जोर से चीख लगाईं।
सांझा डोर का प्रेम दूर तक ले जाई,
रंग-बिरंगी पतंगों से आकाश सुंदर
दिखाई।
उत्तरायण आई, मौज, मस्ती लाई,
उत्तरायण के उत्सव में बहार खुशहाली छाई।।।