STORYMIRROR

Supriya Devkar

Others

3  

Supriya Devkar

Others

तय ना कर सके हम

तय ना कर सके हम

1 min
230

तय ना कर सके हम  कौन अपने कौन पराये 

जीवन की इस जंग में कौन कहाँ कैसे हराये


हर मोड़ पर सोचते थे अपने थाम लेंगे हाथ 

बेझिझक देंगे हमें  हर मुश्किल में साथ 


पर अपनों ने कभी भी  नहीं सोचा हमें अपना 

छोड़ दिया अकेला राह पर लगे जैसे कोई सपना 


गुजरे हुए पल याद करके आता है अब रोना 

छोड़ा जरूर आंचल मगर जँचता नहीं अपनों को खोना



Rate this content
Log in