तेरी डमरू की धुन
तेरी डमरू की धुन
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तेरी डमरू से हे भोले ,ये धुन कैसी जो आती है।
तू ही जाने ये धुन कितना, हे बाबा मुझे लुभाती है।।
तू ही कण-कण बसे भोले
इस अंतर्मन बसे भोले।
तेरी डमरू की धुन भोले
सारी श्रृष्टि ये नचाती है।
तेरी डमरू से हे भोले, ये धुन कैसी जो आती है।
तू ही जाने ये धुन कितना,हे बाबा मुझे लुभाती है।।
मेरे मन में बसो भोले,
अंतरतम बसो भोले।
तेरी डमरू की धुन भोले
सारे ग़म को मिटाती है।
तेरी डमरू से हे भोले, ये धुन कैसी जो आती है।
तू ही जाने ये धुन कितना ,हे बाबा मुझे लुभाती है।।
