तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
जिंदगी को जिंदगी
जीना सिखा रही
मैं मुस्कुरा रहा हूँ
साथ ही वो मुस्कुरा रही ।।
आइना बन के खड़ा है
ये जमाना सामने
हर किसी सूरत अब साफ
साफ नज़र है आ रही ।।
मुक़द्दर अल्ल्लाह ने जो भी
दिया जिसको दिया है
बस उसी से तो है ये
दुनियां काम चला रही ।।
तुम मासूम से लगते हो
मासूम ही बने रहो
अब बेजा हरकतें जो हैं
सब की सब मूं बना रही ।।
ग़फ़लतों को कह दो
कही और तलाशें घर
मुझको तो मेरे मुल्क़ से
महकती ख़ुशबू सी आ रही ।।
तन्हाई ने भी अब मूं
मोड़ लिया है एय दोस्तो
जब से मिला है साथ
आपका बेचारगी भी शर्मा रही ।।
जिंदगी को जिंदगी
जीना सिखा रही
मैं मुस्कुरा रहा हूँ
साथ ही वो मुस्कुरा रही ।।
