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anuradha chauhan

Others

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anuradha chauhan

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सुनो भैया

सुनो भैया

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कहे बहना सुनो भैया, हमें भी याद कर लेना।

बहन राखी लिए बैठी, कहाँ अब चैन दिन रैना।

बड़ा फीका लगे सावन, सखी संगी सभी बिछड़े।

चले आओ लिए यादें, नहीं हमको भुला देना।


बड़ी अनमोल राखी है, बहन की आस है इसमें।

सुखी होवे सदा भैया, बसी हो आस यह जिसमें।

खुशी की भोर से महके, हँसे भैया सदा मेरा।

नहीं कोई करे ऐसा, बहन सा प्यार है किसमें।



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