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RAJESH KUMAR

Children Stories Inspirational

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RAJESH KUMAR

Children Stories Inspirational

संयम

संयम

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सड़क सी सपाट, जिंदगी

कभी कभी लगती है, ज़िंदगी

कभी स्पीड ब्रेकर, सी ज़िंदगी

मूल्य चुकाना टोल, सी ज़िंदगी।


घर की उलझनों को, लेकर

निकलते सड़क पर, लेकर

फिर जो होता, देखते रहते 

तेज़ रफ़्तार, ना करना इंतज़ार

लेफ्ट-राइट का फिर भान कहाँ।


दूसरों की गलतियों पर, हम

फब्तियां कसते से ना चूकते, हम

शानदार लगे, तेज़ हॉर्न अपना 

दूसरों का कानफोड़ू सा लगे।


चालान कटने पर करें, हाय तौबा 

जैसे गलती पर डांट भी ना पड़े?

ऐसा चाहते हम, ता रा ता रा पम

देख देख मुस्कुराते हम तुम।


सबसे तेज़ आगे जाने की होड़

पल भर में पलक झपकते

ज़िंदगी की छूट जाती डोर

फिर कभी ना आती, वो भोर।


संयमित जीवन सी सड़क

फिर लगे अपनी सी सड़क

दूसरों की गलतियों भी लगे, भूल

करें कामना, सब हो जायेगा ठीक

फिर सड़क सी आनंदमय लगे ज़िंदगी!


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