समझौता
समझौता
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जीवन जीने का नाम है
मगर बिना समझौते होता कहां काम है
बिन समझौते टूटे रिश्ते ,मन बेचैन होता है।
समझौते के रूप अनेक
हर उम्र में ,हर घर मे होते समझोते हैं
कभी मान सम्मान ,कभी शांति देत ,समझोते हैं
कभी जोड़े कभी तोड़े हैं
समझौतों के संग ही तो जीवन की गाड़ी दौडे हैं
संस्कारों मर्यादाओं से न करो , कभी समझौता
समझौता कहते लोग जरूरी
आत्म सम्मान के लिए बहुत बड़ी धूरी है
सही दिशा मे करो काम,कभी न पडे समझोता आन।