शत् शत् नमन
शत् शत् नमन
कुछ कमी सी लग रही है
सब कुछ होते हुए भी
मगर कुछ कमी लग रही है
पूछो उस माँ से...
कमी क्या होती है
जिसका बेटा हुआ शहिद
पूछो उस दुल्हन से....
कमी क्या होती हैं
जिसकी मांग हुई सूनी
पूछो उस बहन से...
कमी क्या होती हैं
जिसकी राखी हाथ तलाशती
पूछो उस भाई से....
कमी क्या होती हैं
जो भाई से लड़ने के लिए तरशता
पूछो उस बेटे से.....
कमी क्या होती हैं
अपने बाबा को घोड़ा बनाने के लिए ढ़ूढ़ता
पूछो उस पिता से....
कमी क्या होती हैं
जो आंसूओ को छुपाता रहता
कमी महसूस होती हैं ...
उन जवानो की
जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए
अपनी जान गंवा दी
शत् शत् नमन उनको
सब कुछ होते हुए भी
मगर कुछ कमी लग रही हैं....