शरद ऋतु
शरद ऋतु
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पवन शरद ऋतु आई।
देखो,कैसी खिलरई जुन्हाई।
ताल तलैया निरमल हो गये।
फूले काश विरल घन हो गये।
वर्षा की हो रई विदाई।
देखो, कैसी खिलरई जुन्हाई।
पावन----------
अश्विन महीना में देवी जी आई।
घर-घर मैया की प्रतिमा बनाई।
बजत शंख शहनाई।
देखो, कैसी खिलरई जुन्हाई।
पावन----------
कार्तिक महीना सुहानो लगत हैं।
हल्की-सी सर्दी मनभावन लगत है।
देखो कैसी खिलरई जुन्हाई।
पावन---------
घर आंगन की हो रई सफाई।
सबके घर की हो रई पुताई।
हर्षित हैं लोग लुगाई।
देखो, कैसी खिलरई जुन्हाई।
पावन---------