शिक्षा में वह शक्ति है
शिक्षा में वह शक्ति है
हम घर में एक पौधा लाए,
पौधे को प्यार से लगाए
पानी डाले धूप दिखाएं,
पौधे को प्यार से सहलाए
उसे रोज देखें - देख मुस्काए,
उसे बढ़ता देखने में बड़ा ही
आनंदित महसूस करतेेे जाएं
पौधे की देखभाल में
दिन बढ़ता चला जाए
अब वह पौधा बड़ा हो जाए
अब हम उस पौधे को दूसरे के घर रोप आए
वह उसका ख्याल रखेगा या नहीं
बस रोते ही जाएं
लड़कियां कैसे पाल पोस कर बड़ा किया,
एक दिन दूसरे के घर भेज दी जाती हैं
बिना इस विचार के कि वह उनके साथ क्या
सलूक करेंगे
लड़कियों को हमेशा ही बहुत से
मर्यादा में बांध दिया जाता है,
बिना इस विचार के कि सामने वाले
उसके साथ क्या बर्ताव करेंगे
लड़कियों को सक्षम बनाएं,
लड़कियों के लिए बंधन नहीं,
उनको जीने की आजादी दी जाए,
पेड़ के बाजू बाड़ा लगाएं,
ताकि आंधी तूफान में भी
वह सब क्षमता से खड़ा हो पाए
किसी भी परिस्थिति में अपनी लड़कियों को
जीने की कला सिखाएं, उनको पढ़ाएं,
उनको सम्मान योग्य बनाएं
उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं
सामाजिक, शारीरिक और मानसिक तौर पर
लड़कियों को सक्षम बनाएं,
ताकि दूसरे के घर पर जाकर भी
उनको कोई मानसिक तनाव ना दे पाए
लड़कियों को पढ़ाएं और उनको आगे बढ़ाएं
ताकि वह अपना निर्णय खुद ले पाए
उनको दूसरे के निर्णय पर
निर्भर होने की आदत ना सिखाएं
लड़कियों को आत्मविश्वास से भरपूर बनाएं
ताकि वह बुरे परिस्थिति मेंं भी
डटकर मुकाबला कर पाए |
शिक्षा में वह शक्ति है,
भले बुरे की पहचान करा सकती है,
शिक्षा में वह शक्ति है,
आत्मविश्वास को बढ़ा सकती है,
शिक्षा में वह शक्ति है,
कि नारी का सम्मान दिला सकती है,
शिक्षा में वह शक्ति है,
इस समाज की ठोकर खाई,
औरतों को न्याय दिला सकती हैै,
शिक्षा में वह शक्ति है,
जो सब कुछ करा सकती है
शिक्षा में वह शक्ति है
वह नारी का खोया हुआ आत्म सम्मान दिला सकती है"