शारदे वंदना
शारदे वंदना
हाथ जोड़े करूं, शारदे वंदना
वर दे बुद्धि का, है यही प्रार्थना।
मैं अज्ञानी हूं, वर, ज्ञान का दे मुझे
भटकी अंधकार में, रोशनी दे मुझे।
जीवन हो सुखी, ना हो कुछ यातना
वर दे बुद्धि का, है यही प्रार्थना।
दीन दुखियों की सेवा, करूं मैं सदा
प्रेम सबको करूं, छोटा हो या बड़ा।
धर्म और जांत-पांत की, हो बात ना
वर दे बुद्धि का, है यही प्रार्थना।
पूर्ण निष्ठा लगन से, कर्म अपना करूं
दृढ़ता से, कर्त्तव्यों का मैं, पालन करूं।
हो निश्छल भाव मन में, कोई द्वेष ना
वर दे बुद्धि का, है यही प्रार्थना ।
हाथ जोड़े करूं, शारदे वंदना
वर दे बुद्धि का, है यही प्रार्थना।
