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Arun Gode

Others

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Arun Gode

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शादी की वर्षगांठ

शादी की वर्षगांठ

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हर अपराध की सजा सिर्फ एक बार मिलती हैं,

लेकिन शादी के जुर्म की सजा जीवन भर मिलती हैं।

जिस की सजा सभी बड़े खुशी से दिन-रात सहते हैं,

शादी के नाम से किस्मत को हमेशा कोसते हैं।


कहते है संसार का चतुर इंसान वो हैं,

जो दूसरों के गलती से कुछ सीखता है,

लेकिन पति संसार का सबसे बड़ा मूर्ख हैं

शादी की सजा हर पल जिंदगी भर सहता हैं।


अपने जुर्म को जुर्म कभी नहीं मानता, 

उसकी सिफारिश बड़े गर्म जोशी से करता।

सभी नौजवानों से हँस –हँस के कहता, 

खुद शादी का लड्डू खाकर हमेशा रोता।  


लेकिन यह एक ऐसा जुर्म हैं, 

जो जान बुझकर सभी मर्द करते हैं।

जिस की सजा हर पल पाने के लिए,

अपनी पूरी जिंदगी दाव पर लगाते है।


ऐसा नहीं की वह इस अपराध से अनजान हैं,

दुनिया भर के पतियों का गम वह खुद देखता हैं।

लेकिन वो गम पाने के लिए जंग में उतरता हैं,

समझाने पर वही अपराध खुशी से करता हैं।


जो अपराध की सजा हर बाप सहता,

वो जुर्म अपने बच्चों से भी करवाता।

जीवन भर की जमा पूंजी पानी की तरह बहता,

जिस का मजा संसार का हर दुःखी इंसान लेता।


बड़े चाव से बारातियों के संग नाचता-गाता,

अपनी विवाह की वर्षगांठ फिर नहीं भूलता।  

हर साल पत्नी के खुशी लिए वर्षगांठ मनाता, 

वो हमेशा किसी कैदी से कम सजा नहीं पाता।  


फिर भी शहीद हुये दिन को कभी नहीं भूलता,

शादी की वर्षगांठ हर साल मजबूरी में मनाता।

कर्ज में डुब के जीवन साथी को तोहफा खुशी से देता,

पत्नी के खुशी के लिए पूरा जीवन दाव में लगाता।


कमबख्त दोस्त भी हमेशा सब कुछ भूल जाते,

फिर भी दोस्तों के शहीद दिन जरूर याद रखते।

पति - पत्नी भले ही भूलने का नाटक करते,

प्यारे दोस्त शादी की वर्षगांठ कभी नहीं भूलते।



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