सब नज़रिए का खेल है
सब नज़रिए का खेल है
सब नज़रिए का खेल है
मन और विचारों का मेल है
किसी के लिए अच्छी ,
किसी के लिए बुरी
आधुनिक औरतें,
पुरुष हाथ जोड़ते
मर्ज़ी से जीती
आसमां को छूती
समाज की धूरी मगर
पुरुषों के लिए बुरी
आधुनिक है तू नकचढ़ी
सीधी है तो अनपढ़ बड़ी
सीधी को उल्टी
उल्टी को सीधी चाहिए
कैसे मिली जोड़ी
36 नंबर का खेल है
उड़ना जाने मगर
पिंजरे में रहे
तैरना जाने मगर
कुएँ में तैरे
आए सब कुछ
मगर करे न कुछ
नहीं मिले छोरा-छोरी
राम ही मिलाए जोड़ी
सब नज़रिए
का खेल है
मन और विचारों
का मेल है।