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Ranjana Jaiswal

Others

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Ranjana Jaiswal

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सौंदर्य

सौंदर्य

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मेरे केश 

काली घटाओं-जैसे नहीं हैं 

न आँखें मछलियों-सी 

चाँद जैसी उजली हूँ 

न फूलों जैसी नाजुक 

मेरे हाथ 

खुरदुरे और मजबूत हैं 

धूप में काम करने से

स्याह पड़ गया है मेरा साँवला रंग 

जुटा लेती हूँ 

अपनी रोटी 

खुद अपनी ही 

हाड़ -तोड़ मेहनत से 

नहीं गड़ाती 

दूसरों के धन पर आँख 

मेरी देह से फूटती है 

एक आदिम गंध 

क्या तुम मुझसे प्यार करोगे ?



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