सैर सपाटा
सैर सपाटा
भ्रमण हेतु सारे बच्चों को अपने संग मे लेकर ।
चले नवाबों की नगरी को सरपट तजते ग्राम डगर ।।
सुबह दस बजे लखनऊ के घंटाघर मे सब आए ।
रूमी दरवाजा इमाम बाड़ा के दर्शन सबने पाए ।।
अवध शासको का स्मारक सुन्दर बड़ा निराला ।
बावङी भूलभुलैया मस्जिद शाही मन हरने वाला ।।
यहां से रेजीडेन्सी आए अमर शहीदो को सिर नाया ।
यही मान गोरो का नसाया वीरो ने निज रक्त बहाया ।।
जू मे आकर विविध जीव देखे सबके मन भाए ।
नेहरू के रशियन विमान को देख सभी हरषाए ।।
बच्चो ने झूले पर चढकर मस्ती खूब उडाई ।
कैन्टीन मे आकर कुल्फी टिक्की मिर्च है खाई ।।
अम्बेडकर पार्क मे हारे थके सभी जन आए ।
पत्थर के हाथी अरु सुंदर चित्र है मन को लुभाए ।।
हुई साम चल पडे सभी घर अर्ध रात्रि मे आए ।
सुन्दर दृश्य बसे आंखो मे यादगार पल पाए ।।
