साइक्लिंग
साइक्लिंग
मारो रे मारो पेडल मारो
आया वक्त पेडल मारने का
उग गया है सूरज एक नया सवेरा।
चलो रे चलो रोड पे चलो
बढ़ाओ पैर रफ़्तार
निकालो पसीना करो दिन की शूरुआत।
जमाओ तसरिफ साइकल सीट पे
पैर पेडल पेड्स पे
और करो मसलस मज़बूत अपने।
एक नया सवेरा उगने को है
पक्षियों की अवाज गूंज ने को है
वो ओस बूँदों वाली दिन की छन छनाट है
वो तेज ठंडी हवाये की फ़न फ़नाट है।
कितना मज़ा आता है ना
जब हम एरप्लेन की भाती
हवा को चीरते हुए आगे बड़ते है
दूर कही चाई की टपरी तक रफ़्तार से बड़ते है
चाई की चुस्की के साथ साइकल की मस्ती के साथ
चलो दिन की शुरूआत करते है चलो सेहत बनाते है।
मारो रे मारो पेडल मारो
आया वक्त पेडल मारने का
उग गया है सूरज एक नया सवेरा।