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Reena Ughreja

Children Stories

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Reena Ughreja

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साईकिल - मेरा तोहफा

साईकिल - मेरा तोहफा

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साईकिल मेरी सवारी,

है वो बड़ी हसरत भरी ,

पहली बार उसे छुआ,

चमक ने लगी सुनहरी।


घर से मैंने उसे निकाली,

पर आती नहीं चलानी,

देख कर बाबा मुझसे बोले,

कैसी लगी जन्मदिन की निशानी ?


साईकिल है जैसे जीवन,

बोले मेरे बाबा,

दो पहियों का सही आचरण,

और कुछ न मांगे ज़्यादा।


हिम्मत जोड़कर मैंने चलायी,

न लगी इतनी मुश्किल।

बाबा बोले वहां देखो,

सामने है तुम्हारी मंज़िल।



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