रंग
रंग
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रंगों की बहार
मातृत्व का अहसास
कोख में शिशु
जिसे बस आना ही था इस दुनिया में
और
मै रंगों में नहा ली थी
रंगों का खुमार ऐसा
मातृत्व का अहसास भी प्यारा लग रहा
खुशहाल लग रही दुनिया
नन्हा शिशु भी देखना चाह रहा
इतनी प्यारी दुनिया
और वो जिद कर मचल गया
आने को
और मै रंगो में नहाई
बच्चे को इस दुनिया में लाई
कभी भी इसे भूल नहीं सकती
वैसी ही बच्चे को निहारती
हो ली और मेरा बच्चा
