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pawan punyanand

Others

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रक्षा-बंधन

रक्षा-बंधन

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अदृश्य बंधन से बंधे मन,

दो तन भाई बहन,

दूर बैठे सुख-दुःख जान लेते हैं,

हर संकट में,

एक दूसरे को थाम लेते हैं ,

जीवन अगर रण,

बन सारथी बहन,

जीतने का दे संबल

राह उसे बताती है,

भाई को समर विजय कराती है।


बहन हेतू भाई भी अपना,

करता सब समर्पण

आगे उसके खड़ा,

विघ्नों से लड़,

कर प्राण अर्पण,

उसकी रक्षा कर जाता है।


निश्चय ही यह त्यौहार,

बड़ा ही पावन निश्छल है,

बहन भाई के रिश्ते में,

प्रेम का बल है।


राखी केवल त्यौहार नहीं ,

बहन भाई के संबंधों की,

सबको याद दिलाता है,

बहन केवल न रक्षा हेतू,

आशीर्वाद भी अपना बाँध देती है,

अपने कर्तव्य को भाई भी,

जी जान से निभाता है,

इसलिए तो राखी का यह

त्यौहार इतना पवित्र बन जाता है।



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