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MS Mughal

Others

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MS Mughal

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रक्स

रक्स

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अक्स ए दिलरूबा देख, रक्स करता हूं 

बा होश होशरूबा देख , रक्स करता हूं 


हर तरफ सौर ओ गुल है, ऐ जाना तेरा

बहार ए कहरूबा देख, रक्स करता हूं 


बहार ए कहरूबा ( सदा बहार दरख़्त की बहार ) 

 

गिरफ्तार हूं यूं, तेरे चश्म ए नर्गिस का 

ज़ंजीर शुदाह पा देख, रक्स करता हूं 


ज़ंजीर शुदाह पा ( ज़ंजीर से जकड़ा पैर ) 


रक्स करता हूं हर तरफ, मस्ताना वार

तेरी ज़ुल्फ ए रसा देख, रक्स करता हूं 


निकालते है नाज़ से कत्ल को मेरे तलवार 

इस नाज़ ओ अदा देख, रक्स करता हूं 


दीदार ए जाना हुआ दर शब ए हिज्र मुझे

शोला ए हुस्न दर रुखां देख, रक्स करता हूं 


बड़ा ना तवां 'हसन' तेरे वस्ल की उम्मीद में

मू ए सियाह जुल्फ ए दोता देख रक्स करता हूं।



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