राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
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बाँधा इसने भाई-बहन को
धरती प्यारी और गगन को,
चाँद - सितारे और बँधा है
ज्योति - कलश ले भोर।
राखी की यह डोर।
भाई- बहन का बंधन प्यारा
स्नेह, सुमंगल,सुखद-सहारा,
केसर, चंदन, रोली दमके
कुमकुम है चहुँओर।
राखी की यह डोर।
बाँध रेशमी धागा कर में
हर्ष बहन ले आयी घर में,
चहल-पहल,रौनक,रागों से
मन के आँगन शोर।
राखी की यह डोर।
बहन सदा तू रहे सलामत
तुझे न शनि कर पाये आहत,
अश्रुनीर से कभी न भीगे
आँचल की सित कोर।
राखी की यह डोर।