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Anil Mishra Prahari

Others

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Anil Mishra Prahari

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देश हो खुशहाल

देश हो खुशहाल

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'समृद्ध- भारत' चाह मेरी 

मंजिलें व  राह   मेरी, 

फँस तिमिर के पाश  में 

न हो  कभी   बेहाल। 

देश हो खुशहाल। 


व्याधि, पीड़ा अब न जकड़े

सठ कुपोषण आ न  पकड़े, 

हो न किल्लत औषधि की 

मिले    रोटी  -  दाल। 

देश हो खुशहाल। 


नित्य बेकारी घटे  भी 

दीनता पथ से हटे  भी, 

चाँद – तारों पर कदम हो

कटे   कंटक -  जाल। 

देश हो खुशहाल। 


हो नहीं पथ में अँधेरा 

झूमता  आये    सवेरा, 

रात्रि के पट पर दिवाकर 

विभा   जाए    डाल। 

देश हो खुशहाल। 


नृत्य करता मन - मयूरा 

स्वप्न हो हर एक  पूरा, 

दिन-महीने शान्ति-सुख दें

विभव  दे  हर   साल। 

देश हो खुशहाल। 


शक्तियों के सबल रथ पर

बढ़ें सब निर्विघ्न पथ पर, 

भव्य, दृढ़, सौभाग्यशाली 

हो सभी  का   भाल।                     

देश  हो खुशहाल। 



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