प्यारा साथी
प्यारा साथी
जब जीवन में उलझने बढ़ने लगे,
जब मन परेशान रहने लगे,
जब एक प्यारा साथी जीवन में आ जाए,
मन के दर्द को कोसो दूर भगा जाए।
तब जीवन में रंगीन एहसास जग जाए,
मन को एक सुकून सा मिल जाए,
प्यारा साथी जब मन को भा जाए।
बस निर्मल मन से एक ही बात निकले,
जब वो अपनी प्रीत की खुश्बू बिखेर जाए
जिसके प्रीत से प्रीतम का जीवन भी महक जाए।
जब जीवन में दुख बढ़ने लगे,
और आंखों से नीर गिरने लगे,
जब पीड़ा में कोई सुझ न आवे।
तब एक कोई अपना सा साथ निभाए
वो एक "प्यारा साथी" ही हमदर्द, हमसफ़र बन साथ निभाए
तब वही दोस्त(प्रेमी) जीवन संगिनी कहलाए।
