जय श्रीकृष्ण राधे-राधे
जय श्रीकृष्ण राधे-राधे
हे ! श्री कृष्ण पूरा संसार आप में है समाये,
बिन आपकी भक्ति पूजा किये ये मन चैन न पाये।
आपसे ऐसी लगन है लगी...
बिना आपके कोई नज़र न आये।
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण जी का नाम जब हर सुबह शाम जुब़ा पर आये,
तब जीवन की अपनी मुश्किल राह भी आसान नज़र आये।
आपके साथ राधा जी का प्रेम अटल सत्य कहलाये,
जब आपने प्रेम का दर्शन जग को है कराये,
जग में कभी राधा-कृष्ण , तो कभी सीताराम, तो कभी लक्ष्मी नारायण बनकर अवतार लिये जग में,
इस जग को प्रेम का मतलब है समझाये।
हे कृष्ण! आपकी प्रेम की लीला सबके मन को मोह जाये,
अपनी प्रीतम राधा संग हर जगह बस आप ही आप नज़र आये, क्योंकि आपका प्रेम निश्चल, निर्मल और पवित्र अटल विश्वास बन हर युग में साश्वत जो कहलाये।
ऐसा प्रेम अमर आपका लाखों-लाख वर्ष तक सबको एक सीख की राह दिखाये।
इस जग में हर प्राणी भी सद्कर्म करके
अपने प्रिय प्रीतम के संग साथ निभाये।
जैसे आप राधा के साथ जन्मो जन्म तक नज़र आये।
वैसे ही हर कोई अपने निर्मल मन से अपने प्रीतम संग जीवन बिताये।
हमारा प्रेम निर्मल मन से आपके प्रति समर्पित बस आप में ही रम जाये।
तब ये प्रेम प्रीतम बनकर आपके निर्मल मन को भा जाये।
बस ये प्रतिमा का मन हर पल राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण का गुन गाये।