प्यार के पापा को ख़त, एक तोहफा
प्यार के पापा को ख़त, एक तोहफा
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तुम चले गए पापा
पर याद में बने हो
मैं तुम्हारी ही छाया हूँ
बनी एक काया हूँ
सबके लिए प्यार
मिली जो जिंदगी एक बार
तुम्हारा हूँ दर्पण मैं
कर सब अर्पण मैं
जिंदगी का रास्ता तुम
मंजिल का वास्ता तुम
तुम दिल में हो रहोगे हर दम
समझ तुम्हारी सहारा तुम्हारा
अब खड़ी हूँ अपने दम
कंधे कर के मजबूत
बहुतों का सहारा बनूँगी मैं
जिंदगी सवार लूंगी मैं
तुम्हारी प्यारी रहूंगी मैं
तुम नहीं होकर भी साथ हो हर पल
